Book Description
मानव मन की संवेदनाओं को कवि अपने शब्दों से प्रकट व्यक्त करता है। वह अपने अनुभव और कल्पना के सम्मिश्रण से भाव और विभाव की रचना करता है। तीनों कवयित्रियों ने पूरी क्षमता से मन में उत्पन्न भाव और उनके कारण - विभावों को काव्य रूप दिया है। संग्रह मे जीवन के विविध रंगों पर कवितायेँ रची गयीं हैं। नयी शैली - हायकु, पिरामिड, और क्षणिकाओं शैली के प्रयोग से यह और रोचक व पठनीय हो गया है। डॉ. विनीत गेरा, डॉ. अंजली दीवान और करुणा प्रजापति के रचनात्मक सहयोग के लिए आभार।