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काव्य सृजन मेरे लिए मेरी कविताओं का एक मात्र संकलन ही नहीं वरन् मेरे अब तक के जीवन की अनुपम भावनाओं और अनुभव का भी मिला जुला स्वरूप ही है। इस समाज को मैंने जिन आँखों से देखा और महसूस किया, रिश्तों को जिन शब्दों में पढ़ा और सुना, स्वयं की इच्छाओं में जो पंख लगा कर उस स्वप्न रूपी नीले आकाश में जो कल्पनाएं की है उन सभी भावनाओं का भी आंकलन है। काव्य सृजन को एक किताब के रूप में प्रकाशित करने का जब विचार आया तो लगा कि ना जाने कितनी अद्भुत और सुन्दर कविताएं हमारे हिन्दी साहित्य में है किन्तु मैं अपनी लेखनी के द्वारा क्या और योगदान दे सकती हूं जिसे हिन्दी काव्य जगत में एक स्थान मिल सके। कविताओं के मेरे इस संकलन में मैंने कभी वात्सल्य रस तो कभी श्रृंगार रस को महसूस कर शब्दों में पिरोया, और कभी वीर रस में को कभी करुण रस की भावनाओं में बहकर अपनी कल्पना को कविता के रूप में साकार किया। मेरे देश के प्रति तो कभी युवा पीढ़ी के प्रति मेरी सोच को मैंने मेरे शब्दों के द्वारा व्यक्त करते हुऐ रचनाएं लिखीं। कविताओं के इस संकलन में सहज भाव से समाज से भी जुड़ने की एक कोशिश है जिससे कुछ अनकहे अनछुए पहलुओं को भी महसूस किया जा सकता है। पाठकों से अनुरोध है कि कवि के भावों को समझने का प्रयास करें और यदि कोई भी त्रुटि हुई हो तो उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं।