Book Description
यह एक नटखट, चंचल और साहसी बच्चे की कहानी है, जिसे खेल के साथ-साथ गीत संगीत और फ़िल्मी दुनिया में अत्यधिक रुचि थी घर में इस शौक की विरोध के बावजूद इस नन्हे से बच्चे ने अपने जुनून का पीछा करना कभी नहीं छोड़ा। यह कहानी आपको बचपन की उन नॉन डिजिटल दिनों में ले जाएगी जब खुले मैदान में बेपरवाह खेलना, सिनेमा हॉल में फ़िल्म देखना और रेडियो पर गीत सुनने का अपना अलग ही आनंद था। यह एक नवयुवक की कहानी है, जो अपनी आंखों में उम्मीद के सितारे सजाए कॉलेज में प्रवेश करता है और अपनी कला से सबका दिल जीत लेता है। यह एक युवक की कहानी है जो बहुत संघर्ष के बाद एक अनपेक्षित कार्यक्षेत्र में दृढ़ता, धैर्य मनोबल और निरंतर मेहनत करके सराहनीय सफलता प्राप्त करता है। यह एक कर्म योगी की कहानी है, जो अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त तो हो गए , लेकिन जीवन के परम आनंद और आकर्षण, से सेवानिवृत्त नहीं हुए । जीवन के इस नए अध्याय को कैसे जीना चाहिए यह कोई इनसे सीखे। यह एक ऐसे राही की कहानी है जो जहां भी जाते हैं, खुशी और प्यार के फूल खिलाते हैं और जिनका जीवन मंत्र सकारात्मकता, उत्साह, पारदर्शिता और शुद्धता है। यह प्रोफ़ैसर रमेश दत्त जी के जीवन की कहानी है। सांसारिक दृष्टि से प्रोफ़ैसर रमेश दत्त जी एक सेलिब्रिटी ना सही लेकिन वह जीवन को सेलिब्रेट करना जानते हैं। अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से लोगों को बहुत आकर्षक, रोचक और प्रभावशाली तरीके से अनजाने में ही जीवन के अनगिनत सराहनीय पाठ पढ़ा देते हैं। प्रोफ़ैसर रमेश दत्त जी की आत्मकथा आपके मन को भाएगी एवं आनंदित करेगी, यह मेरा पूर्ण विश्वास है।